फैशन हमारे समाज का एक बहुत ही ज़रूरी हिस्सा है | वक़्त के साथ हेर चीज़
अच्छी भी लगती है लेकिन फैशन के साथ साथ हमें इस चीज़ का भी ध्यान रखना
चाहिए की हम किस देश , किस समाज और किस कल्चर का हिस्सा है | आज कल के
बदलते दौर में फैशन की परिभाषा भी बदली है | आज कल के युवा युवती वेस्टर्न
कल्चर को ज्यादा अपना रहे है या यूँ कहिये की वेस्टर्न की ज्यादा ही हवा
चली हुई है |
पहले के ज़माने में और अब के ज़माने में काफी फर्क़ आया है पहले के लोग अपनी संस्कृति को ध्यान में रखते हुए फैशन करते थे और ऐसा नहीं है की उसमें कोई कमी होती थी लेकिन वोह अपने कल्चर का ध्यान भी रखते थे लेकिन अब फैशन की परिभाषा थोड़ी बदली है लोग अब फैशन करते वक़्त यह नहीं सोचते की हमारा कल्चर क्या है या हम किस देश से है वह सारे के सारे जितने भी वेस्टर्न तरीके है वह अपना रहे है
यह एक तरीके से अच्छा भी है की हम दुसरे मुल्कों के बराबर आ रहे है हर चीज़ में चाहे वोह कपड़े हो जूते हो मकेउप हो किसी चीज़ में पीछे नहीं है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की हम अपनी सभ्यता को भूल कर उनकी सभ्यता को अपना ले |
आज कल के बदलते दौर में आप देखे की कितनी नयी और नायब चीज़े आ गयी है जिनका लोग पहले सोच भी नहीं सकते थे आज कल लड़कियां उँगलियों को खुबसूरत बनाने के लिए नेल आर्ट करती है और सलवार कमीज़ में भी अब आपको बहुत से प्रकार मिल जायेंगे जैसे कफ्तान ,अनारकली कुरते ,सी कट कुरते इस तरह भिन भिन प्रकार के डिजाईन मार्केट में आ गए है ताकि युवाओं को लुभाया जा सके| वेस्टर्न लुक में भी आज कल लॉन्ग टॉप का ज्यादा फैशिओं आ गया है युवतियां लॉन्ग टॉप ज्यादा प्रिफर केर रही है |यह एक तरीके से अच्छा भी है इससे हमारी संस्कृति भी बची हुई है |
अंत में बस यही कहना चाहूंगी की फैशन चाहे जैसा भी हो व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने वाला होना चाहिए |
पहले के ज़माने में और अब के ज़माने में काफी फर्क़ आया है पहले के लोग अपनी संस्कृति को ध्यान में रखते हुए फैशन करते थे और ऐसा नहीं है की उसमें कोई कमी होती थी लेकिन वोह अपने कल्चर का ध्यान भी रखते थे लेकिन अब फैशन की परिभाषा थोड़ी बदली है लोग अब फैशन करते वक़्त यह नहीं सोचते की हमारा कल्चर क्या है या हम किस देश से है वह सारे के सारे जितने भी वेस्टर्न तरीके है वह अपना रहे है
यह एक तरीके से अच्छा भी है की हम दुसरे मुल्कों के बराबर आ रहे है हर चीज़ में चाहे वोह कपड़े हो जूते हो मकेउप हो किसी चीज़ में पीछे नहीं है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की हम अपनी सभ्यता को भूल कर उनकी सभ्यता को अपना ले |
आज कल के बदलते दौर में आप देखे की कितनी नयी और नायब चीज़े आ गयी है जिनका लोग पहले सोच भी नहीं सकते थे आज कल लड़कियां उँगलियों को खुबसूरत बनाने के लिए नेल आर्ट करती है और सलवार कमीज़ में भी अब आपको बहुत से प्रकार मिल जायेंगे जैसे कफ्तान ,अनारकली कुरते ,सी कट कुरते इस तरह भिन भिन प्रकार के डिजाईन मार्केट में आ गए है ताकि युवाओं को लुभाया जा सके| वेस्टर्न लुक में भी आज कल लॉन्ग टॉप का ज्यादा फैशिओं आ गया है युवतियां लॉन्ग टॉप ज्यादा प्रिफर केर रही है |यह एक तरीके से अच्छा भी है इससे हमारी संस्कृति भी बची हुई है |
अंत में बस यही कहना चाहूंगी की फैशन चाहे जैसा भी हो व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने वाला होना चाहिए |
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